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Showing posts from June, 2023

How to earn money at home

  There are various ways to earn money from home, depending on your skills, interests, and resources. Here are some popular methods: Freelancing: Offer your skills and expertise as a freelancer in fields like writing, graphic design, programming, virtual assistance, or social media management. Websites like Upwork, Freelancer, and Fiverr can help you find clients. Online tutoring: If you excel in a particular subject or have teaching experience, you can provide online tutoring services. Platforms like VIPKid, Tutor.com, and Chegg Tutors connect tutors with students. E-commerce: Start an online store and sell products. You can create your own website using platforms like Shopify or use online marketplaces like Amazon, eBay, or Etsy to reach a wider audience. Content creation: If you enjoy creating videos, writing blogs, or hosting podcasts, you can monetize your content through platforms like YouTube, blogging networks, or podcast sponsorships. Ad revenue, brand collaborations, ...

Gyan ki baathe

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  Gyan ki Raah Gyan ki bathe Gyan ki baatein, yaani wisdom ya knowledge-based thoughts, hamein jeevan mein samajh, margdarshan aur pragati ke liye madad karte hai. Yahan kuchh gyan ki baatein hai jo aapke liye upyogi ho sakti hai: "Gyan shakti se hi samasyaon ka samadhan hota hai." Gyan hamare liye ek shakti ka strot hai, jo hamein samasyaon ka samadhan dhoondhne aur unka saamna karne mein madad karta hai. "Siksha ek naya jeevan hai." Jeevan bhar seekhte rahna aur naye gyaan ka anubhav karna, hamein badhte hue duniya mein aage badhne aur apne aapko vikasit karne mein madad karta hai. "Samarpan aur mehnat safalta ki chaabi hai." Jab hum kisi kaam mein samarpan aur mehnat ke saath lag jaate hai, to safalta ka darwaza khulta hai. Samay aur mehnat ke sadupyog se hum apne lakshya tak pahunch sakte hai. "Galtiyon se sikho, parantu unse haarna mat." Galtiyaan kisi nayi shuruwat ka hissa hai. Jab hum galtiyaan karte hai, tab humein unse siksha leni chahi...

रामसेतु की कहानी और वैज्ञानिक तत्व इतिहास और धार्मिक महत्व की उसकी पूरी कहानी

  राम सेतु (एडम्स ब्रिज): वैज्ञानिक तथ्य, इतिहास और धार्मिक महत्व दुनिया भर में कुछ ही ऐसी ऐतिहासिक संरचनाएं हैं जो धार्मिक और ऐतिहासिक सिद्धांतों को लिंक करती हैं। ऐसा ही एक निर्माण राम सेतु है, जिसे एडम्स ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है। हाल ही में, केंद्र सरकार ने राम सेतु की संरचना का स्टडी करने और राम सेतु की आयु और इसके बनने की प्रक्रिया जानने के लिए पानी के अंदर खोज और शोध करने की मंजूरी दी है। यह अध्ययन यह समझने में भी मदद करेगा कि क्या यह संरचना रामायण काल जितनी पुरानी है। साथ ही, राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक बनाने की मांग की जा रही है, हालांकि यह मामला विचाराधीन है। इसके साथ ही यह जानना और दिलचस्प हो जाता है कि क्या भारतीय पौराणिक कथाओं को आधुनिक समय की संरचनाओं से लिंक करने की संभावनाएं हैं। राम सेतु भारत के तमिलनाडु में पंबन द्वीप या रामेश्वरम द्वीप और श्रीलंका में मन्नार द्वीप के बीच प्राकृतिक खनिज (मिनरल) शोलों की एक श्रृंखला है। पुल का हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार बहुत महत्व है और रामायण में इसका उल्लेख है। राम सेतु वैज्ञानिकों को भी हैरान कर देता है और इसकी आयु प...

रतन टाटा की प्रेरणादायक कहानी

  hindi –  रतन टाटा  को आज कौन नहीं जानता। आज का हर कोई युवा उन्हें प्रेरणास्त्रोत के रूप में देखता है कि कैसे उन्होंने नए स्टार्टअप से कई लोगों की जिंदगी बदल दी और लोगों को रोजगार देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया। रतन टाटा भारत के महान उद्योगपति, टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन और एक दरियादिल इंसान हैं। रतन टाटा को 1991 में टाटा ग्रुप का चेयरमैन बनाया गया था।  और 21 साल इस पद पर काम करने के बाद वो इस पद से रिटायर हो गए। लेकिन रतन टाटा ‘टाटा ग्रुप चैरिटेबल ट्रस्ट’ के चेयरमैन पद पर बरकरार हैं।  रतन टाटा की कहानी  के जरिये आज हम आपको उनके शुरुवाती जीवन और उनकी सफलताओं के बारे में जानकारी देंगे रतन टाटा का जीवन परिचय (Ratan Tata ka jeevan parichay): नाम : रतन टाटा  जन्म : 28 दिसंबर 1937, सूरत (गुजरात)  पिता : नवल टाटा  माता : सोनू टाटा , सिमोन टाटा (सौतेली माँ) शिक्षा : बीएस वास्तुकला में स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग और एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्रामिंग में डिग्री  पुरुस्कार : पद्म भूषण, पद्म विभूषण  रतन टाटा का प्रा...

अकबर की पूरी कहानी

  अकबर का जीवन चरित अकबर महान की पूरी कहानी और अकबर महान क्यों बने अकबर महान, भारतीय इतिहास में मुग़ल साम्राज्य के समय शासन करने वाले मुग़ल सम्राट जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर (Jalaluddin Muhammad Akbar) को कहा जाता है। अकबर का जन्म 1542 ईसा पूर्व के लगभग हुआ था और उनकी मृत्यु 1605 ईसा पूर्व को हुई थी। अकबर के पिता हमायूँ (Humayun) थे जो की उनके बाल्यकाल में ही मर गए थे और उनकी माता हामिदा बानो (Hamida Banu) ने उन्हें पाला था। जब अकबर छोटे थे तो उनकी शिक्षा बहुत सरलता से नहीं हुई, उन्हें अपने समय के खेल और मनोरंजन में रुचि थी। हालांकि, बाद में उन्होंने अपनी शिक्षा को मजबूत किया और साम्राज्य के राजनीतिक और सामाजिक मामलों को समझने में मदद मिली। जब अकबर 13 वर्ष के थे, तो उनके पिता के मरने के बाद उन्हें सिंध, राजपूताना और मालवा क्षेत्र में समराटी बनने के लिए लड़ाई करनी पड़ी। इसके बाद उन्होंने अपने राज्य के स्थानीय राजाओं को जीतकर अपना साम्राज्य बढ़ाना शुरू किया। 

महाराणा प्रताप की कहानी

  महाराणा प्रताप महाराणा प्रताप की पूरी कहानी  महाराणा प्रताप सिंह, मेवाड़ के सिंहासन पर राजसिंह उदयपुर के राजा उदय सिंह के शानदार पुत्र थे। वे भारतीय इतिहास में एक महान योद्धा और वीर राजपूत शासक के रूप में प्रसिद्ध हुए हैं। महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 को कीकणवास (वर्तमान उदयपुर, राजस्थान) में हुआ। महाराणा प्रताप ने बचपन से ही योद्धा बनने की इच्छा रखी थी। उनके पिता राजा उदय सिंह ने उन्हें राजनीति और सैन्य कला की शिक्षा दी। महाराणा प्रताप ने बचपन से ही मेवाड़ के स्वाधीनता के लिए लड़ने का संकल्प बनाया। 1567 ई. में, मुग़ल सम्राट अकबर ने राजपूताना पर आक्रमण करना शुरू किया। यह मुग़ल-राजपूत युद्धों का समय था जिसे "हल्दीघाटी का युद्ध" नाम से जाना जाता है। महाराणा प्रताप ने इस युद्ध में अपनी वीरता और साहस का परिचय दिया। हालांकि, हल्दीघाटी का युद्ध महाराणा प्रताप के लिए संकटपूर्ण साबित हुआ

Mitra ki pahichan kaise karein

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  मित्र की पहचान कैसे करें मित्र की पहचान करने के लिए निम्नलिखित कुछ उपाय आपकी मदद कर सकते हैं: संयोग द्वारा पहचानें: अपने सामान्य क्षेत्रों या दैनिक गतिविधियों में वह व्यक्ति ढूंढें जिसे आप मित्र बनाना चाहते हैं। यदि आप उन्हें जरूरी या रुचिकर गतिविधियों में बार-बार देखते हैं, तो यह एक संकेत हो सकता है कि वे भी उसी मामले में रुचि रखते हैं। सामान्य बातचीत करें: उनसे संपर्क स्थापित करने के लिए एक सामान्य विषय पर बातचीत शुरू करें, जैसे कि किताबें, फिल्में, समाचार इत्यादि। इससे आप उनके रुचियों और दृष्टिकोण के बारे में अधिक जान सकते हैं और एक दूसरे को समझ सकते हैं। समय और ध्यान दें: एक सच्चे मित्र के साथ संबंध विकसित करने के लिए समय और ध्यान की आवश्यकता होती है। उनके साथ सकारात्मक गतिविधियों में हिस्सा लें और साथ ही उनके संदेशों और कहानियों को सुनें। इससे आप उन्हें और अधिक समझेंगे और साथ ही साथ वे आपको